व्‍यापार का विवरण

हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड ((‘HCL’) भारत सरकार के खान मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत अनुसूची-ए, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम(सीपीएसई) है। कंपनी को 09 नवंबर, 1967 को राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड से प्रग्‍लन और परिष्कृत करने सहित ताम्र भंडार की खोज एवं दोहन से संबंधित सभी परियोजनाओं, योजनाओं और अध्ययनों को संभालने के लिए भारत सरकार के उपक्रम के रूप में शामिल किया गया था। कंपनी का कॉर्पोरेट और पंजीकृत कार्यालय 1, आशुतोष चौधरी एवेन्यू, कोलकाता-700019 में स्थित है। कंपनी के इक्विटी शेयर बीएसई लिमिटेड और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड में सूचीबद्ध हैं और 66.14% इक्विटी का स्वामित्व भारत सरकार के पास है। कंपनी की अधिकृत पूंजी 1100 करोड़ रुपये (इक्विटी शेयर पूंजी: 900 करोड़ रुपये और वरीयता शेयर पूंजी: 200 करोड़ रुपये) और कंपनी की प्रदत्‍त पूंजी 483.51 करोड़ रुपये है।

कंपनी की मुख्य गतिविधियों में ताम्र अयस्क का खनन और परिष्कृत तांबे के साथ-साथ कंटीन्यूअस कास्ट कॉपर वायर रॉड्स जैसे डाउनस्ट्रीम उत्पादों का उत्पादन शामिल है। वर्तमान में कंपनी अपने प्रमुख उत्पाद के रूप में कॉपर कंसंट्रेट बेच रही है।

कंपनी की पांच इकाइयां अर्थात्, खेत्रीनगर, राजस्थान में खेतड़ी कॉपर कॉम्प्लेक्स (केसीसी), घाटशिला, झारखंड में इंडियन कॉपर कॉम्प्लेक्स (आईसीसी), मलांजखंड, मध्य प्रदेश में मलांजखंड कॉपर प्रोजेक्ट (एमसीपी), तलोजा में तलोजा कॉपर प्रोजेक्ट (टीसीपी), महाराष्ट्र और गुजरात कॉपर प्रोजेक्ट (जीसीपी) भरूच, गुजरात में हैं। घाटशिला इकाई पूरी तरह से एकीकृत है, जिसमें खनन से लेकर परिष्कृत तांबे के उत्पादन तक की सुविधाएं हैं, मलांजखंड और खेतड़ी इकाइयों में केवल खनन और अयस्क परिष्‍करण की सुविधाएं हैं, तलोजा इकाई में वायर रॉड विनिर्माण सुविधा है और झगड़िया इकाई में सेकेंड्री तांबा प्रगलन और शोधन की सुविधाएं हैं।